विकास की अवधारणा PDF : विकास की अवधारणा अधिगम के साथ उसका संबंध
विकास की अवधारणा PDF –अगर आप शिक्षक के तौर पर हम बच्चों से अधिक नजदीक से जुड़े होते हैं तो उन बच्चों के विकास की प्रक्रिया को जानने की जरूरत हम सब ने शिक्षकों की एक सफल शिक्षक बनने के लिए हमें बचो के विकास की प्रक्रिया को समझना बहुत ही जरूरी है। बच्चे कैसे बड़े होते हैं उनका विकास कैसे होता है? उन्हें अपनी विकास के दौरान किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है? उनमें क्या-क्या समाजिक शारारिक मानसिक संज्ञानात्मक समाजिक इत्यादि का विकास होता है? यह सभी विकास के विभिन्न आयाम है।
शिक्षण विधि के प्रकार और परिभाषाएं | शिक्षण विधि की विशेषताएं -Shikshan vidhi ke prakar
इन सभी आपसी अथवा विमाओ अथवा पहलुओं की उचित विकास करके ही एक बच्चा सार्वभौमिक या सार्वांगिक विकास कर सकता है। यह सभी विकास के विभिन्न आयाम है इन सभी आयाम के उचित विकास के फलस्वरुप बच्चे में उम्र बढ़ने के साथ परिवर्तन होते जाते हैं बच्चे के विकास की प्रक्रिया में किन किन कारकों का प्रभाव पड़ता है। सो समझना भी बहुत जरुरी है यह सभी समझ हमें बच्चों की प्रत्येक आयु पराव अवस्था पर बच्चों की सामान्य विशेषताओं उनमें पाया जाने वाली व्यक्तिगत अंतर को समझने में मदद करती है।
आगे जाकर यह समझ बच्चों के साथ एक शिक्षक के रुप में हम अर्थ पूर्ण संबंध स्थापित करने में एवं उन बच्चों के लिए उचित वातावरण बनाने के लिए। हमारी सहायता करता है दूसरे साधारण शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि बच्चों की जीवन यापन और उसकी वृद्धि विकास की कहानी साथ ही शुरू हो जाता है। जब बच्चा मां के गर्भ में 1 पौधे की तरह जोरो से अंकुर के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करता है।
शिक्षण का अर्थ और परिभाषा क्या है ? Shikshan Kya hai
उसमें वह धीरे-धीरे वृद्धि विकास करते हुए विभिन्न परिवर्तन के साथ विकास पूर्ण करता है। इस वृद्धि विकास की कर्म में उसमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक मानसिक संज्ञानात्मक संवेगात्मक नैतिक भस्म आत्मक परिवर्तन आते हैं। बच्चों के प्रति हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों में उम्र बढ़ने के साथ अभी जिन जिन परिवर्तनों की चर्चा हुई है वह परिवर्तन स्वता ही नहीं हो जाते हैं बल्कि बच्चों के वृद्धि विकास के साथ-साथ उसके सीखने की प्रक्रिया भी अर्थात अधिगम प्रक्रिया भी चलती रहती है।
अतः सीखने का अर्थात अधिगम का विकास गहरा और सीधा संबंध विकास और अधिगम दोनों एक दूसरे से संबंधित है दोनों एक दूसरे के पूरक हैं दोनों में अनुनाश्रय संबंध है। क्योंकि जो व्यक्ति अपने जीवन में जितना अधिक सीखता है उसे उतना ही अधिक विकसित माना जाता है और जो अपने जीवन में बहुत अधिक विकसित माना जाता है।
समावेशी शिक्षा का अर्थ – परिभाषा , अवधारणा, विशेषताएं -inclusive education in hindi
वह बहुत ज्यादा सिखा हुआ व्यक्ति होता है अतः इस आधार पर हम कह सकते हैं कि विकास और अधिगम दोनों साथ साथ निरंतर चलते ही रहते हैं व्यक्ति अपने अंत समय तक कुछ न कुछ सीखता और विकास करता है। अतः विकास की अवधारणा का अधिगम के साथ गहरा संबंध है और अधिगम प्रक्रिया का विकास की अवधारणा को समझना होगा और विकास की अवधारणा को समझने के लिए विकास के विभिन्न अवस्थाओं के बारे में जानना होगा।
Zero Balance Account Opening online
Bal Vikas evam Shiksha Shastra syllabus – Click Here
Telegram Chennel | Click Here |
WhatsApp Group | Click Here |
इन्हे भी जाने
- भाषा विकास क्या है | Bhasha Vikas Kya hai | Principles of language development
- Child Development and Pedagogy in hindi -बच्चा एक वैज्ञानिक के रूप में
- बच्चे स्कूल में असफल क्यों होता है ?
- समावेशी शिक्षा का अर्थ – परिभाषा , अवधारणा, विशेषताएं -inclusive education in hindi
- बालक कैसे चिंतन करते हैं ? चिंतन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएं
- बच्चे कैसे सीखते है ? चिंतन का मतलब क्या होता है?
विकास की अवधारणा क्या है ,
विकास की अवधारणा PDF ,
विकास की अवधारणा और सिद्धांत ,
मनोविज्ञान में मानव विकास की अवधारणा ,
सतत विकास की अवधारणा ,
वृद्धि और विकास की अवधारणा PDF ,
सामाजिक विकास की अवधारणा ,
बाल विकास की अवधारणा
1 thought on “विकास की अवधारणा PDF : विकास की अवधारणा अधिगम के साथ उसका संबंध”