पर्यावरण शिक्षण क्या है ? पर्यावरण शिक्षण के कुछ महत्वपूर्ण तत्व | Pariyawaran Shikshan kya hai

पर्यावरण शिक्षण क्या है? पर्यावरण शिक्षण के कुछ महत्वपूर्ण तत्व | Pariyawaran Shikshan kya hai

पर्यावरण शिक्षण क्या है ?

Pariyawaran Shikshan kya hai

  • पर्यावरण हिंदी  परिप्रेक्ष्य  के 2 शब्दों परि और आवरण से बना है।  जिसका क्रमशः अर्थ चारों ओर घेरना होता है इस आधार पर हम कह सकते हैं कि जीव का जो चारों ओर से घिरे हुए हैं वह उसका पर्यावरण कहलाता है।
  • पर्यावरण की इंग्लिश Environment है। जो French भाषा से बना है।  जिसका अर्थ पास पड़ोस होता है ।
  • जीव का पाई जानी वाली सभी वस्तुओ जो उसे प्रभावित करती है।

पर्यावरण शिक्षण

  • बालक अपने पर्यावरण या वातावरण को प्रभावित करता है और बालक का पर्यावरण बालक को प्रभावित करता है।
  • शिक्षक के द्वारा शिक्षण का अर्थ करते समय बालक में उसके पर्यावरण के मध्य अंतः क्रिया का ज्ञान कराना या समाज स्थापित करना ही पर्यावरण का शिक्षण कहलाता है।

बालक में उसके पर्यावरण के प्रति समाज तीन प्रमुख आधारों पर किया जाता है।

पर्यावरण की प्रकृति : जब आप की कक्षा में बालक आए तो शिक्षक को चाहिए कि वह बालक के प्रति परिवेश की समाधि स्थापित करें।
प्राकृतिक परिवेश के समझ के क्रम में पेड़ पौधे, पशु पक्षियों, मनुष्य, वायु, जल, मृदा इत्यादि के बारे में समझ प्रदान करें।

सामाजिक : दूसरे कर्म में शिक्षक को चाहिए कि वह बालक को उसके सामाजिक पहलुओं से परिचित कराएं।
इस क्रम में शिक्षक को चाहिए कि वह बालक के परिवार पास पड़ोस खेल के मैदान व सगे संबंधियों के बारे में संबंध स्थापित करें।

आर्थिक : उपर्युक्त दोनों स्तर पर बालक में समझ स्थापित करने के पश्चात शिक्षक को चाहिए कि वह बालक को पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा प्रदान करें।
इस क्रम में शिक्षक को चाहिए कि वह बालक को बताएं कि पेड़ पौधे को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए साथ में पशु पक्षियों को भी चोट नहीं पहुंचाना चाहिए।

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