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CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form : 1000 प्लस पदों पर सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर पदों पर भारती की आवेदन प्रक्रिया शुरू

CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form : 1000 प्लस पदों पर सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर पदों पर भारती की आवेदन…

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : 4500 पदों पर लोवर और अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर बहाली

Assam teacher Recruitment 2025 : 4500 पदों पर लोवर और अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर बहाली

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : असम में लोअर और अपर प्राइमरी शिक्षक पदों पर बहाली होने जा रहा है जिसमें 4500 पदों पर बहाली किया जाएगा। डायरेक्टरेट ऑफ़ एलिमेंट्री एजुकेशन असम के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल शिक्षक के 4500 पदों पर बहाली किया जाएगा।

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जिसका आवेदन का अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है और आवेदन करने की प्रक्रिया 15 फरवरी 2025 से शुरू किया जाएगा अगर जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी है वह डायरेक्टरेट आफ एलिमेंट्री एजुकेशन के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर जल्द awesome teacher recruitment 2025 online aavedan करें।

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online

SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

Assam teacher Recruitment 2025 Details

OrganizationDirectorate of Elementary Education (DEE) Assam
Post NameAssistant Teacher
Vacancies4500
Last Date  March 31, 2025
Official Websitehttps://dee.assam.gov.in

असम शिक्षक भर्ती 2025 में 29 पदों पर लोअर प्रायमरी स्कूल के असिस्टेंट टीचर पर होगा और वही बात की जाए अपर प्राइमरी स्कूल के टीचरों की तो 1600 असिस्टेंट टीचर और साइंस टीचर हिंदी टीचर के पदों पर भर्ती किया जाएगा जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी है वह असम शिक्षक बहाली 2024 की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में भाग लेने।

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DEE Assam Teacher Vacancy 2025

Assistant Teacher of LP Schools2900
Assistant Teacher, Science Teacher and Hindi1600

Assam teacher vacancy 2025 required document

  • Hslc admit card
  • Hsslc marksheet and certificate
  • Graduation marksheet and certificate
  • Caste certificate
  • Dled B.Ed marksheet certificate
  • Permanent address of Assam certificate
  • other(Check notification

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DEE Assam Teacher Recruitment 2025 Notification

Assistant Teacher, Science Teacher and HindiDownload Link
Assistant Teacher, Science Teacher and HindiDownload Link

Assam teacher vacancy 2025 की योग्यताएं

  • असम शिक्षक भर्ती 2025 की योग्यताएं की बात की जाए तो उसके लिए असम शिक्षक पात्रता परीक्षा यह केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना आवश्यक है
  • असम शिक्षक भर्ती 2025 का आवेदन करने वाले इच्छुक उम्मीदवार की उम्र की बात की जाए तो 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होना चाहिए।
  • कुछ विशेष वर्गों के लिए अधिकतम आयु में छूट की व्यवस्था किया गया है।

जो भी योग एवं इच्छुक उम्मीदवार है वह आवेदन करने से पहले असम शिक्षक भारती 2025 के ऑफिशल नोटिफिकेशन को चेक करें उनके योग्यता एवं शैक्षणिक योग्यता के अनुसार ही फॉर्म भरे।

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Awesome teacher vacancy 2025 ki salary

  • असम टीचर भारती 2025 के सैलरी की बात की जाए तो चयनित अभ्यर्थियों को हर महीने 14000 से लेकर 70000 के बीच दिए जाएंगे।

Assam recruitment 2025 apply online kaise kare

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : असम शिक्षक भर्ती 2025 का अप्लाई ऑनलाइन करने का आसान प्रक्रिया जो हम आपको स्टेप बाय स्टेप नीचे बताने जा रहे हैं।

  • तो दोस्तों सबसे पहले असम शिक्षक भर्ती 2025 का ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट ippbonline.com विजिट करें
  • जैसे ही आधिकारिक वेबसाइट ओपन होंगे तो वहां पर आपके करियर वाले लिंक पर क्लिक करना है।
  • अब आपको एक नया पेज ओपन होगा जिसमें ऑनलाइन एप्लीकेशन लिंक होगा जिस पर क्लिक करना है।
  • जैसे ही क्लिक करेंगे तो आपको फिर से वहां पर click hair for new registration वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • जैसे ही रजिस्ट्रेशन पेज ओपन होगा वहां पर आप अपने सारे पर्सनल डिटेल भरनी है जैसे नाम मोबाइल नंबर ईमेल आईडी कैटिगरी एजुकेशन क्वालीफिकेशन जो भी डिटेल मांगा जाएगा वह सही-सही भर देना है।
  • सारे पर्सनल डिटेल भरने के बाद कंटिन्यू बटन पर क्लिक करते हैं तो आगे की प्रक्रिया में डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए आएगा जो भी मांगा गया जरूरी डॉक्यूमेंट है वह अपलोड करें।
  • जब आप अपलोड करते हैं तो आगे की स्टेप में एप्लीकेशन फी जमा करना होता है जिसे आप ऑनलाइन कटवा सकते हैं या चालान के माध्यम से भी जमा कर सकते हैं तो यह प्रक्रिया करने के बाद सबमिट करें।

जब आप सबमिट करते हैं तो आपको एक रेपिस्ट प्राप्त होता है जिसे प्रिंट आउट करके निकाल ले जो आगे काम आ सकते हैं।

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RRB Group D Vacancy 2025 online Apply : रेलवे ग्रुप डी के तहत 32438 पदों पर Indian railway में बहाली किया जाना है।

RRB Group D Vacancy 2025 online Apply : 32438 पदों पर Indian railway में बहाली किया जाना है।

RRB Group D Vacancy 2025 online Apply : रेलवे ग्रुप डी के तहत 32438 पदों पर भर्ती किया जाएगा जिसमें track maintainer postman or other पदों पर बहाली क्या जाना है जिसका सैलरी 18000 allowance दिया जाएगा RRB group d vacancy 2025 का ऑनलाइन आवेदन करने की 23 जनवरी 2025 से शुरू होगा और आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 का लास्ट अप्लाई डेट 22 फरवरी 2025 है जिसका ऑनलाइन आवेदन रेलवे के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।

 

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तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल से बताने जा रहे हैं कि RRB group d vacancy 2025 apply online करने के लिए कुछ जरूरी जानकारी होना आवश्यक है जैसे की आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 का ऑनलाइन आवेदन करने की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या है एजुकेशन क्वालीफिकेशन एज लिमिट सिलेक्शन प्रोसेस और अप्लाई कैसे करेंगे यह सारी जानकारी इस आर्टिकल में दिए जाएंगे तो आप इस आर्टिकल को पूरा पड़े तभी आप जान पाएंगे कि कैसे और कब तक अप्लाई कर सकते हैं तो चलिए शुरू करते हैं।

Railway group D online form required document

SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

RRRB Group D Vacancy 2025 eligibility criteria

आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की बात की जाए तो जिस्म की एजुकेशन क्वालिफिकेशन की बात करें तो नीचे प्वाइंट बाय पॉइंट दिया है

  • आप किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना आवश्यक है।
  • जो भी अभ्यर्थी हैं उन्हें National अप्रेंटिसशिप certificate or National council for वोकेशनल ट्रेनिंग Certificate होना आवश्यक है

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : 4500 पदों पर लोवर और अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर बहाली

आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी की 2025 के आगे ग्रुप की बात की जाए तो जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी है उनकी उम्र 18 से 36 साल के भीतर होना चाहिए।

RRB group d vacancy 2025 application fee

आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 एप्लीकेशन फी की बात करें तो ओबीसी जनरल को ₹500 वही एससी एसटी ebc फीमेल की बात कर तो ₹250 है।

CategoryFeeRefundable Amount
General/OBC₹500₹400 (post CBT participation)
SC/ST/EBC/Female/Transgender₹250₹250 (post CBT participation)

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RRB group d vacancy 2025 selection process

RRB group d vacancy 2025 selection process की बात करें तो

  • Computer Based test : जो भी सीबीटी टेस्ट होगा उसमें जनरल अवेयरनेस मैथमेटिक्स और रिजनिंग है।
  • Physical efficiency test:
  • Document verification
  • Medical examination

दोस्तों रेलवे ग्रुप डी वैकेंसी 2025 के सिलेक्शन प्रोसेस में सोर्स टेस्ट को पास करना होगा उसके बाद ही आप अपार्टमेंट लेटर ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 की ऑफिशल नोटिफिकेशन को पढ़ें।

एसबीआई पर्सनल लोन अप्लाइ कैसे करे | SBI bank se Loan Kaise len | भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पर्सनल लोन के लिए, आप इन तरीकों से Application कर सकते हैं:

RRB Group D Vacancy 2025 online Apply

आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2022 ऑनलाइन अप्लाई की बात करें तो नीचे हम आपको स्टेप बाय स्टेप बात करेंगे।

दोस्तों सबसे पहले आप आरआरबी ग्रुप डी वैकेंसी 2025 का ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए रेलवे के ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करें।

जैसे ही रेलवे के ऑफिसियल वेबसाइट पर विकसित करेंगे तो वहां पर आपको railway recruitment वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।

जिसमें आपको RRB Zone सेलेक्ट करना है जैसे ही सेलेक्ट करेंगे तो आपको एक रजिस्ट्रेशन पेज ओपन होगा।

जब आपका रजिस्ट्रेशन पेज ओपन होगा तो उसमें आपके द्वारा कुछ पर्सनल डिटेल भरना है जैसे की नाम ईमेल एड्रेस फोन नंबर एजुकेशन क्वालीफिकेशन एड्रेस इत्यादि जानकारी भरना है।

जब आप रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करते हैं तो फिर से लॉगिन करना होता है जिसके बाद आपको कुछ मांगे गए डिटेल को भरना है जिसमें एजुकेशन क्वालीफिकेशन किस पद के लिए भरना चाह रहे हैं यह सारे जानकारी भरने के बाद सबमिटकरें।

अब आपको वहां पर डॉक्यूमेंट अपलोड करने के लिए आएगा जिसमें मांगे गए सारे डॉक्यूमेंट को सही-सही अपलोड करना है।

जब आप डॉक्यूमेंट अपलोड कर लेते हैं तो आगे की प्रक्रिया में एप्लीकेशन फी कटवाने की बात होती है जो आप फोन पर गूगल पर क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड जो भी है उसे माध्यम से आप पेमेंट कर दें।

जब आप पेमेंट कर देते हैं तो आपको एक रेपिस्ट प्राप्त होता है जिसे प्रिंट आउट करके अपने पास रख लेना है।

तो दोस्तों इस तरह से आप रेलवे ग्रुप डी वैकेंसी 2025 में 32438 पदों पर फॉर्म भर सकते हैं तो दोस्तों अगर किसी प्रकार का दिक्कत होता है तो आप रेलवे ग्रुप डी के वैकेंसी के ऑफिशल नोटिफिकेशन को चेक कर सकते हैं।

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घर बैठे खोले एसबीआई में जीरो बैलेंस अकाउंट ओपनिंग कैसे करें? -SBI Zero Balance Account Opening Online Hindi

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SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

SSC MTS result 2014 download कर्मचारी चयन आयोग ने एसएससी कहते हैं एमटीएस और हवलदार के पदों पर परीक्षा का आयोजन 30 सितंबर से 24 नवंबर 2024 तक किया गया था जिसका रिजल्ट आना बाकी है इसके लेकर ढेर सारे फैल रहे हैं लेकिन एसएससी के द्वारा बहुत जल्द ही परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा ऐसा कहा जा रहा है कि एसएससी जल्द ही एमटीएस और हवलदार के पदों का परीक्षा परिणाम 2024 का जारी किया जा सकता है

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जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी एसएससी एमटीएस परीक्षा में शामिल हुए थे उनके लिए एमटीएस 2024 का रिजल्ट का इंतजार है जिसके लेकर एसएससी एमटीएस के आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही SSC MTS 2024 result notification जारी किया जाएगा और साथ ही एसएससी एमटीएस का रिजल्ट (SSC MTS ka result check kaise karen) भी जारी किया जाएगा।

SSC MTS Result 2024 download

घर बैठे खोले एसबीआई में जीरो बैलेंस अकाउंट ओपनिंग कैसे करें? -SBI Zero Balance Account Opening Online Hindi

SSC MTS Exam Result 2024 download

Recruitment AgencyStaff Selection Commission (SSC)
Post Name

Recruitment services
Multi Tasking Staff and Havaldar (CBIC & CBN) Examination 2024
Total Post8,326
Exam Date30 September 2024 to 14 November 2024
Result StatusTo be released soon…
SSC MTS Result Release DateJanuary 2025 (Tentative)
SSC MTS Result Download Linkssc.gov.in

एसएससी एमटीएस का प्रोविजनल आंसर की 29 नवंबर 2024 में ही जारी किया गया था जिसमें केवल गलत उत्तरों के लिए नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान था अगर आप प्रोविजनल आंसर की जारी होने के बाद आपत्ति उठाने की जो अंतिम तिथि थी 2 सितंबर 2024 तक थी एसएससी एमटीएस भर्ती 2024 के तहत 9583 एमटीएस और हवलदार के पदों पर बहाली किया जाना है। एसएससी एमटीएस और हवलदार के पदों में से 6144 एमटीएस के पदों पर बहाली होगा वही 3439 पदों पर हवलदार की बहाली होनी है।

Apply Online for India Post GDS Recruitment 2025 Apply : India Post office के द्वारा 25000 पदों पर बहाली किया जाएगा

एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS Exam Result 2024 check online

तो दोस्तों हम आपके यहां पर स्टेप बाय स्टेप बताने जा रहे हैं कि एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें तो चलिए जानते हैं।

तो दोस्तों सबसे पहले एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का रिजल्ट चेक करने के लिए एसएससी एमटीएस के ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करना है।

जैसे ही एसएससी के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएंगे तो वहां पर आपको रिजल्ट वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है जिसके बाद एक नया पेज ओपन होगा।

जहां पर आपको MTS aur havaldar result 2024 link वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है।

अब आपके यहां पर अपना रोल नंबर रोल कोड जो भी डिटेल मांगा जाएगा वह सही-सही भरकर सबमिट करना है।

जैसे ही सबमिट करेंगे तो SSC MTS 2024 result PDF download हो जाएगा।

उसके बाद आपको रिजल्ट में अपना अंक रैंक और चयन की स्थिति चेक कर सकते हैं साथ ही साथ इस रिजल्ट कार्ड को डाउनलोड भी कर ले।

दोस्तों हम यहां पर आपको एक सलाह देने जा रहे हैं जिसमें आपको की SSC MTS result 2024 देखने के लिए समय-समय पर एसएससी एमटीएस के ऑफिसियल वेबसाइट पर चेक करते रहें।

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AIBE 19 Exam Result : ऐसे चेक करे result ऑल इंडिया बार 2025 @allindiabarexamination.com

AIBE 19 Exam Result : ऐसे चेक करे result ऑल इंडिया बार 2025

AIBE 19 Exam Result : Bar Council of India (BCI)के द्वारा आयोजित AIBE 19 Exam 2024 हैं 22 दिसंबर 2014 को आयोजित परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों के लिए नया अपडेट लेकर आए हैं कि Bar Council of India (BCI) ने अपने अधिकार एक वेबसाइट के तहत रिजल्ट जारी करने जा रहा है। AIBE 19 Result 2024 जारी करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट allindiabarexamination.com पर चेक करते रहें क्योंकि ऐब रिजल्ट

AIBE 19 Exam Result

AIBE 19 Qualifying Markes

CategoryQualifying Marks
General45%
SC/ST and Other reserved categories40%

AIBE 19 Result Release Date

बर काउंसिल आफ इंडिया ने पूरे देश भर में 50 अलग-अलग शहरों में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर AIBE 19 Exam Result लिए थे एग्जाम लेने का समय 22 दिसंबर 2024 था जिसके बाद 29 दिसंबर 2024 को एग्जाम की आंसर की जारी किया गया था जिसके बाद आपत्ति उठाने का विंडो 30 दिसंबर 2024 रखा गया था जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी थे वह अपने-अपने आंसर की को मिलान करके चेक कर लिए थे

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AIBE 19 Result 2024 Check online : ऐसे चेक करे result ऑल इंडिया बार

AIBE 19 Result 2024 Check online : Bar Council of India (BCI) द्वारा आधिकारिक वेबसाइट allindiabarexamination.com पर परीक्षा परिणाम घोषित करने जा रहा है जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी है वह डायरेक्ट दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

बहुत जल्द बBar Council of India (BCI) द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए बहुत बड़ी अपडेट लेकर आए हैं क्योंकि उन सभी का परिणाम घोषित होने जा रहा है तो जो भी विद्यार्थी इस एग्जाम में शामिल हुए थे उन सभी का रिजल्ट 29 जनवरी 2025 को जारी होने जा रहा है तो आप जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम को चेक करने के लिए नीचे बताए गए स्टेप को फॉलो करके अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

दोस्तों सबसे पहले Bar Council of India (BCI) के आधिकारिक वेबसाइट allindiabarexamination.com पर क्लिक करना है।

जैसे ही क्लिक करेंगे तो उनके आधिकारिक वेबसाइट ओपन होंगे और वहां पर AIBE RESULT 2025 पर क्लिक करना है।

जैसे ही क्लिक करेंगे तो आपके सामने रोल नंबर और पासवर्ड दर्ज करना होगा जिसके बाद समेत बटन पर क्लिक करना है।

जैसे ही सबमिट बटन पर क्लिक करेंगे तो रिजल्ट आपके सामने आपके मोबाइल या कंप्यूटर पर प्रदर्शित हो जाएगा इसके बाद आप उन्हें जांच कर सकते हैं।

अब दिखाई गए रिजल्ट को प्रिंट आउट करके रख लेना है जो आपके लिए भविष्य में काम आ सकता है

Apply Online for India Post GDS Recruitment 2025 Apply : India Post office के द्वारा 25000 पदों पर बहाली किया जाएगा

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : 4500 पदों पर लोवर और अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर बहाली

SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

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CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form : 1000 प्लस पदों पर सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर पदों पर भारती की आवेदन प्रक्रिया शुरू

CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form : 1000 प्लस पदों पर सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर पदों पर भारती की आवेदन प्रक्रिया शुरू

CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form :सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती ऑनलाइन अप्लाई 2025 का फॉर्म सीआईएसफ कांस्टेबल के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं

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सीआईएसएफ के तहत कांस्टेबल ड्राइवर पदों पर 1124 पदों पर बहाली किया जाना है जिसकी ऑनलाइन भरने की तिथि 3 फरवरी 2025 से है और सीआईएफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती का फॉर्म भरने का लास्ट डेट 4 मार्च 2025 है जो भी योग एवं इच्छुक अभ्यर्थी है वह जल्द से जल्द CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form भर सकते हैं वही बात करें सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती के Age ग्रुप की तो इसमें न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 27 वर्ष रखा गया है विशेष आरक्षित वर्ग के लिए छूट भी दिया जा सकता है यह जानकारी आप ऑफिशल नोटिफिकेशन देख सकते हैं।

CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form

दोस्तों अगर आप भी सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो जल्द से जल्द सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर के पदों पर 10वीं पास है तो ऑनलाइन की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल से बताएंगे कि CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form के बारे में तो चलिए इस आर्टिकल को शुरू करते हैं कि सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई कैसे करते हैं सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज की जरूरत होता है सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए आयु सीमा क्या है और शैक्षणिक योग्यताएं क्या है यह सारी जानकारियां आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल से देने जा रहे हैं।

CISF Constable Driver Bharti 2025 Online Form Details 

Name of the OrganizationCentral Industrial Security Force (CISF)
Name of the ArticleCISF Constable Driver Recruitment 2025
Name of the PostConstable Driver
No of Vacancies1,124 Vacancies
SalaryPay Level-3 (Rs.21,700-69,100/-)
Mode of ApplicationOnline
Online Application Starts From3rd February, 2025
Last Date of Online Application4th March, 2025

सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती की उम्र सीमा

दोस्तों अगर बात की जाए किसी इस ऑफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती 2025 की उम्र सीमा की तो ऑफिशल नोटिफिकेशन के अनुसार आवेदन करने वाले आवेदक की उम्र विभाग के तरफ से निश्चित है कि अगर आवेदक की न्यूनतम आयु 21 साल और अधिकतम आयु 27 वर्ष होना अनिवार्य है।

न्यूनतम आयु सीमा 21वर्ष
अधिकतम आयु सीमा 27 वर्ष

सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर रिक्रूटमेंट 2025 शैक्षणिक योग्यता

सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर रिक्रूटमेंट 2025 की सूचना की योग्यता की बात करें तो आवेदक की शैक्षणिक योग्यता है किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना आवश्यक है साथ ही साथ 3 साल का हल्का भारी वह मोटरसाइकिल चलने का अनुभव सर्टिफिकेट है तो बेहतर होगा और आवेदक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होना आवश्यक है

  • आवेदक दसवीं पास होना अनिवार्य है।
  • अभी तक के पास ड्राइविंग लाइसेंस चाहिए।
  • आवेदक को 3 साल का हल्का भारी हुआ मोटरसाइकिल चलाने का अनुभव होना चाहिए।

CISF Constable Driver vacancy 2025 selection process

Constable driver vacancy 2025 selection process की बात कर तो निम्न लिखित है

  • Pet PST
  • Document verification
  • Skill test
  • Written exam and medical

CISF Constable Driver Bharti online form bhare : ऐसे करें आवेदन

जो विविध अभ्यर्थी है वह सीआईएसफ कांस्टेबल भर्ती 2025 का ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप फॉलो करें जिससे आप आसानी पूर्वक सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती ऑनलाइन फॉर्म को पूरा कर सकते हैं।

  • सबसे पहले आप सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर वैकेंसी 2025 के ऑफिसियल वेबसाइट पर भी क्लिक करें।
  • अब आपके यहां पर रजिस्ट्रेशन वाले पेज पर क्लिक करना है।
  • यहां पर आपको अपने बारे में कुछ पर्सनल डिटेल इनफॉरमेशन देना होता है जिसे नाम ईमेल आईडी डेट ऑफ बर्थ इत्यादि भरकर सबमिट करना है।
  • जैसे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा करते हैं तो आपके पास पुनर लोगों ऑप्शन आता है जिसमें आप यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लोगों करेंगे।
  • इसके बाद कुछ पर्सनल डिटेल भरने के बाद डॉक्यूमेंट डिटेल भरना होता है साथ ही साथ डॉक्यूमेंट अपलोड करना होता है करने के बाद सबमिट करें।
  • जब आप डॉक्यूमेंट और सबमिट कर देते हैं तो आपको भी एप्लीकेशन fee वाला ऑप्शन आता है जिसके बाद भी जमा करने के बाद सबमिट करें।
  • जैसे ही सबमिट करेंगे तो आपके दिए गए मोबाइल नंबर पर सीआईएसफ कांस्टेबल भर्ती 2025 का ऑनलाइन फॉर्म भरने का सक्सेसफुली मैसेज आ जाएगा।

दोस्तों इस तरफ अगर आप आसानी पूर्वक अपने फार्म कोभर सकते हैं तो दोस्तों किसी भी प्रकार का दिक्कत होता है तो आप ऑफिशल नोटिफिकेशन को चेक करके ही फॉर्म को भरे।

Apply Online for India Post GDS Recruitment 2025 Apply : India Post office के द्वारा 25000 पदों पर बहाली किया जाएगा

Assam teacher Recruitment 2025 Apply online : 4500 पदों पर लोवर और अपर प्राइमरी शिक्षकों के पदों पर बहाली

SSC MTS Result 2024 download : एसएससी एमटीएस रिजल्ट 2024 का चेक कैसे करें ? SSC MTS result 2024 check online

एसबीआई पर्सनल लोन अप्लाइ कैसे करे | SBI bank se Loan Kaise len | भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पर्सनल लोन के लिए, आप इन तरीकों से Application कर सकते हैं:

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सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती फॉर्म कैसे भरें ?
सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती फॉर्म भरने के ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसके लिए सीआईएसएफ की ऑफिशल वेबसाइट पर विकसित करना है जहां पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा करना है और उसके बाद लॉगिन करके सारे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने के बाद सबमिट करें।

सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती 2025 ऑनलाइन फॉर्म भरने की कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होतीहै ?
सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती 2025 ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है जैसे की मोबाइल नंबर आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस 10वीं सर्टिफिकेट मार्कशीट इत्यादि

सीआईएसफ कांस्टेबल ड्राइवर भर्ती 2025 ऑनलाइन फॉर्म भरने की लास्ट तिथि कब है?
सीआईएसफ कांस्टेबल भर्ती 2025 का लास्ट तिथि 4 मार्च 2025

सीआईएसफ कांस्टेबल भर्ती 2025 का फॉर्म भरने की तिथि कब से कब तक है ?
सीआईएसफ कांस्टेबल भर्ती 2025 का फॉर्म भरने की तिथि 3 फरवरी 2025 से 4 मार्च 2025 तक है।

1857 के विद्रोह का महत्व, कारण और मुख्य केंद्र

1857 के विद्रोह

  • 1857 के विद्रोह के पहले भारत में कई स्थानों में छूट पुट विद्रोह होते रहे जिनको बढ़ने से पहले दबा दिया गया जा
  • 1764 में हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में लड़ रही सेना के कुछ सिपाही विद्रोह करके मीर कासिम से जा मिले
  • 1806 में वेल्लोर मठ में कुछ भारतीय सैनिको ने अपने सामाजिक, धार्मिक रीति रिवाजो में हस्तक्षेप के कारण विद्रोह कर दिया ओर मैसूर के राजा का झंडा फहरा दिया
  • 1842में बर्मा युद्ध के लिए भेजी जाने वाली सेना में 47वी पैदल सैन्य टुकड़ी के कुछ सिपाहीयों ने उचित भत्ता न मिलने के कारण विद्रोह कर दिया
  • 1844में 34वी एन आई तथा 64 वी रेजिमेंट के सैनिको ने उचित भत्ते के आभाव में सिंध के सैन्य अभियान पर जाने से इंकार कर दिया
  • 1849-50 में पंजाब स्थित गोविंदगढ़ कि एक रेजिमेंट ने विद्रोह कर दिया
  • भारत में अंग्रेज नीति के विरुद्ध पनप रहे असंतोष का शासक वर्ग को भी आभास हो चुका था

1857 के विद्रोह का महत्व

* इसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी और एक समय तो ऐसा लग रहा था कि ब्रिटिश शासन आने वाले समय में समाप्त हो जाएगा। •

एक सिपाही विद्रोह के रूप में जो शुरू हुआ वह जल्द ही उत्तरी भारत के व्यापक क्षेत्रों में किसानों और अन्य नागरिक आबादी में फैल गया। •

यह उभार इतना व्यापक था कि कुछ समकालीन पर्यवेक्षकों ने इसे – राष्ट्रीय आंदोलन की पहली लड़ाई कहा।

1857 के विद्रोह के कारण

राजनीतिक प्रशासनिक कारण रियासतों का असंतोष – अंग्रेजो का प्रभुत्व

रियासतों के ऊपर इस प्रकार बढ़ता गया

  • कि अनेक राजवंश पूरी तरह से नष्ट हो गए कर्मचारियों का असंतोष अंग्रेजो ने रियासतों पर कब्ज़ा करके अनेक कर्मचारियों की आजीविका बंद कर दी
  • मुगल सम्राट का अपमान बहादुर शाह दिल्ली का शासक था. जनता उनका सम्मान करती थी लेकिन अंग्रेजो नै उनका अपमान किया तो जनता की घणा उनके प्रति बढ़ती गयी
  • अवध के नबाब का अपमान अंग्रेजो ने नबाब वाजिद अली शाह को निर्वासित करके उसके महल को लूट लिया और बेगमो का अपमान किया
  • जागीरो को छीनना अंग्रेजों ने नवाब के अधीन बड़े बड़े जागीरदारों की जागीर छीन ली और किसानों को बहुत परेशान किया
  • उत्तराधिकार निषेध अधिनियम डलहौजी की हड़प नीति से अनेक शासक असंतुष्ट हुए और अंततः जब अवध को कुशासन के आरोप में अंग्रेजी राज्य में मिलाया गया। तो असंतोष तीव्र हुआ।
  • झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई एवं पेशवा का दत्तक पुत्र नाना साहब अंग्रेजो के व्यवहार से विरोधी बन गए
  • अंग्रेजो की कूटनीति अंग्रेजो की कूटनीति यह थी कि भारत में एक भी राजवंश नहीं रहने दिया जाएगा इस नीति से अनेक लोग अंग्रेज विरोधी बन गए
  • ब्रिटिश शासन की विदेशी प्रकृति ने भारतीयों को असंतुष्ट कर दिया। वस्तुतः अंग्रेज भारत में सदैव विदेशी रहे और जातीय श्रेष्ठता के नशे में चूर रहे, जो भारतीयों असंतोष का कारण बना।

1857 के विद्रोह आर्थिक कारण

  • ब्रिटिश आर्थिक नीति ने भारतीयों अर्थव्यवस्था के परंपरागत ढांचे का विनाश कर दिया। अतः कृषि उद्योग एवं गावों पर उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
  • अधिकतम लगान राशि के कारण किसानों का निर्धनीकरण हुआ।
  • हस्तशिल्प उद्योगों का पतन हुआ। नगदी फसलों की बाध्यकारी कृषि से खाद्यान्न की कमी हुई। अकाल की बर्बरता बढी। अतः जन असंतोष बढ़ा।

सामाजिक-सांस्कृतिक कारण

  • भारतीयों संस्कृति को निम्न बताकर ईसाई करण पर बल ।
  • कानूनों के माध्यम से भारतीयों के सामाजिक धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप जैसे सती प्रथा निरोधक कानून, धार्मिक अयोग्यता अधिनियम, विधवा पुनर्विवाह अधिनियम बनाया।
  • 1850 में एक अधिनियम ने विरासत के हिंदू कानून को बदल दिया, जिससे एक हिंदू जो ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गया, को अपनी पैतृक संपत्तियों का उत्तराधिकारी बना दिया।
  • ईसाई मिशनरियों की बढ़ती गतिविधियों को संदेह और अविश्वास की दृष्टि से देखा गया।

सैन्य कारण

अंग्रेज सिपाहियों की तुलना में कम चेतन तथा पदोअति में

भेदभाव

  • भारतीय सिपाही कभी सूबेदार के पद से ऊपर नहीं उठ सकता था।
  • सिपाहियों को जातीय धार्मिक पहचान संबंधित चिन्हों को धारण करने से रोका गया।
  • तत्काल कारणः गाय और सुअर की चर्बी वाले कारतूस का उपयोग।
  • सिपाहियों को अतिरिक्त भत्ते के भुगतान के बिना अपने घरों से दूर विदेशो में सेवा देने जाना पड़ता था
  • सैन्य असंतोष का एक महत्वपूर्ण कारण सामान्य सेवा भर्ती अधिनियम, 1856 था, जिसने सिपाहियों के लिए जब भी आवश्यक हो. समुद्र पार करना अनिवार्य कर दिया था।
  • * हिंदू मानते थे कि समुद्र पार करने से वे अपनी जाति खो देंगे।

बाहरी घटनाओं का प्रभाव

बाहरी घटनाओं जैसे- अफगान युद्ध (1838-42), पंजाब युद्ध (1845-49), और क्रीमियन युद्ध (1854-56) आदि से स्पष्ट हो गया की अंग्रेज अजेय नहीं है।

तात्कालिक कारण

  • विद्रोह का तात्कालिक कारण चर्बी वाले कारतूस के प्रयोग का मुद्दा था।
  • * वस्तुतः दमदम सैन्य छावनी से पहली बार इस कारतूस के प्रयोग की सूचना भारतीयों को मिली।
  • इससे भारतीयों सैनिकों को यह लगा कि ब्रिटिश जानबूझकर उनके धर्म को भ्रष्टकर रहे हैं।

प्रसार

सिपाही विद्रोह

  • 29 मार्च, 1857: बैरकपुर में तैनात एक युवा सैनिक मंगल पांडे ने अकेले ही विद्रोह कर अपने ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला कर दिया।
  • उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था और इस घटना पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। लेकिन इसने भारतीय सिपाहियों के बीच आक्रोश प्रकट हुआ।
  • 24 अप्रैल: मेरठ में तैनात थर्ड नेटिव कैवलरी के 90 जवानों ने चर्बी वाले कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया।
  • 9 मई: उनमें से 85 को बर्खास्त कर दिया गया और दस साल के कारावास की सजा सुनाई गई।

सिपाही विद्रोह

  • 29 मार्च, 1857: बैरकपुर में तैनात एक युवा सैनिक मंगल पांडे ने अकेले ही विद्रोह कर अपने ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला कर दिया।
  • उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था और इस घटना पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। लेकिन इसने भारतीय सिपाहियों के बीच आक्रोश प्रकट हुआ।
  • 24 अप्रैल: मेरठ में तैनात थर्ड नेटिव कैवलरी के 90 जवानों ने चर्बी वाले कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया।
  • 9 मई: उनमें से 85 को बर्खास्त कर दिया गया और दस साल के कारावास की सजा सुनाई गई।
  • 10 मईः पूरे भारतीय गैरीसन ने विद्रोह कर दिया और दिल्ली की ओर मार्च करने का फैसला किया।
  • दिल्ली पहुँचे और बहादुर शाह को भारत का सम्राट घोषित किया।
  • बहादुर शाह ने भारत के सभी प्रमुखों और शासकों को पत्र लिखकर ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिए भारतीय राज्यों का एक संघ बनाने का आग्रह किया।
  • पूरी बंगाल सेना ने जल्द ही विद्रोह कर दिया जो तेजी से फैल गया।
  • पूरा उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत अंग्रेजों के खिलाफ शस्त्र उठाए था।
  • मध्य भारत में भी, जहां शासक अंग्रेजों के प्रति वफादार रहे, सेना ने विद्रोह कर दिया और विद्रोहियों में शामिल हो गई।

नागरिक विद्रोह

  • सैनिक विद्रोह के तुरंत बाद शहर और ग्रामीण इलाकों में विद्रोह हुआ।
  • जहां कहीं भी विद्रोह हुआ, सरकारी खजाने को लूट लिया गया, पत्रिका को बर्खास्त कर दिया गया, बैरक और कोर्ट हाउस जला दिए गए और जेल के दरवाजे खोल दिए गए।
  • इस विद्रोह में किसानों, कारीगरों, दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, जमींदारों, धार्मिक भिक्षुओं, पुजारियों आदि की व्यापक भागीदारी देखी गई।
  • किसानों और छोटे-छोटे जमींदारों ने उन साहूकारों और जमींदारों पर हमला करके अपनी शिकायतों को खुलकर व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें जमीन से बेदखल कर दिया था।
  • लोगों ने विद्रोह का फायदा उठाकर साहूकारों के बही-खाते और कर्ज के रिकॉर्ड को नष्ट कर दिया।
  • टेलीग्राफ के तार काट दिए गए और दिल्ली को चेतावनी संदेश देने वाले घुड़सवारों को रोका गया।
  • घुड़सवारों को रोका गया।
  • विद्रोह के बारे में सबसे उल्लेखनीय बात इसकी ठोस हिंदू- मुस्लिम एकता थी।
  • सारे सिपाही चाहे हिन्दू हो या मुसलमान। बादशाह बहादुर शाह जफर के आधिपत्य को स्वीकार किया और “चलो दिल्ली” का आह्वान किया।
  • हिंदुओं की भावनाओं के सम्मान में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

विद्रोह के मुख्य केंद्र

  • यह विद्रोह पटना के पड़ोस से लेकर राजस्थान की सीमा तक पूरे क्षेत्र में फैल गया।
  • विद्रोह का केंद्र दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, बरेली, झांसी और आरा थे।
  • इन सभी स्थानों ने अपने-अपने नेताओं को खदेड़ दिया और सम्राट बहादुर शाह की आधिपत्य को स्वीकार कर लिया।

857 के विद्रोह के दौरान क्षेत्रीय नेता

  • नेता का नाम
  • बख्त खान
  • विद्रोह का स्थान
  • बरेली

1857 के विद्रोह में भूमिका

  • बरेली में सैनिकों के विद्रोह का नेतृत्व किया, 3 जुलाई, 1857 को दिल्ली पहुंचे।
  • उन्होंने हिंदू और मुस्लिम दोनों विद्रोहियों से बना सैनिकों का एक दरबार बनाया।
  • उन्होंने ‘ग्रेटर एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल की स्थापना करके लोकतांत्रिक सुधारों की शुरुआत की

नाना साहब और कानपुर तांत्या टोपे

  • उन्होंने अंग्रेजों को कानपुर से खदेड़ दिया और पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब को पेशवा घोषित किया
  • तात्या टोपे महान योद्धा थे जिन्होंने रानी लक्ष्मीबाई को ग्वालियर पर कब्जा करने में मदद की थी।
  • एक मित्र ने तात्या टोपे को धोखा दिया और उन्हें कैद कर लिया गया और वाद में शिवपुरी में फांसी पर लटका दिया गया।
  • माना जाता है कि नाना साहब 1859 तक नेपाल भाग गए थे। यह ज्ञात नहीं है कि उनकी

वेगम हजरत महल

लखनऊ

  • मृत्यु कैसे, कब और कहाँ हुई।
  • अवध की बेगम ने अपने बेटे विरजिस कादर को अवध का नवाब घोषित किया।
  • विद्रोह के दौरान उन्होंने नाना साहब, तांतिया टोपे आदि के साथ अंग्रेजों के खिलाफ काम किया।
  • जब तक संघर्ष कर सकती थी किया और अंत में नेपाल में शरण पाई, जहां 1879 में उसकी मृत्यु हो गई।

रानी लक्ष्मी बाई

झाँसी

  • * वह व्यपगत के सिद्धांत के खिलाफ थी और अपने दत्तक पुत्र के लिए झांसी के सिंहासन के लिए लड़ी।
  • मार्च 1858: ब्रिटिश सेना ने झांसी पर हमला किया, लक्ष्मीबाई अपने बेटे के साथ किले से भाग निकली।
  • वह कालपी भाग गई, जहां वह तात्या टोपे से जुड़ गई।

कुंवर सिंह

आरा, बिहार

  • 17 जून, 1858: ग्वालियर से पांच मील दक्षिण-पूर्व कोटा-की-सराय में लड़ाई के दौरान, पुरुष पोशाक पहने रानी को गोली मार दी गई और वह अपने घोड़े से गिर गई और उसकी मृत्यु हो गई।
  • उनके नेतृत्व में सैन्य और नागरिक विद्रोह पूरी तरह से एक हो गए
  • * मार्च 1858: कुंवर सिंह ने आजमगढ़ पर कब्जा किया। ब्रिगेडियर डगलस द्वारा पीछा करने
  • पर वह अपने घर आरा की ओर पीछे हट गया।

शाह मल

  • बागपत, उत्तर प्रदेश
  • 23 अप्रैल 1858: उन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया।
  • लेकिन एक लड़ाई में लगी चोटों के कारण जल्द ही 26 अप्रैल 1858 को उनकी मृत्यु हो गई। किसानों को संगठित किया, रात में गांव से गांव तक मार्च किया, लोगों से ब्रिटिश आधिपत्य •
  • के खिलाफ विद्रोह करने का आग्रह किया।
  • उनके नेतृत्व में लोगों ने सरकारी भवनों पर हमला किया, नदियों पर बने पुलों को नष्ट कर दिया और पक्की सड़कों को खोदा।
  • उन्होंने विवादों को सुलझाने और निर्णय देने के लिए न्याय का हॉल स्थापित किया।
  • जुलाई 1857: शाह मल की एक अंग्रेज अधिकारी डनलप ने हत्या कर दी।
  • अज्ञात शहीद
  • स्थान
  • नेता
  • बैरकपुर
  • मंगल पांडे
  • दिल्ली
  • बहादुर शाह द्वितीय, जनरल बख्त खान, हकीम एहसानुल्लाह (बहादुर शाह द्वितीय के मुख्य सलाहकार)
  • तखनऊ
  • बेगम हजरत महल, बिरजिस कादिर, मौलवी अहमदुल्लाह

1857 की क्रांति Notes in Hindi | 1857 ka vidroh notes in hindi |1857 ki Kranti in Hindi pdf free download

1857 की विद्रोह (1857 ka vidroh) के कारण सामाजिक धार्मिक आर्थिक और सैनिक कारण –1857 ka vidroh notes in hindi pdf

1857 की क्रांति Notes in Hindi | 1857 का विद्रोह का विवरण | 1857 ka vidroh notes in hindi

1857 ki Kranti in Hindi pdf free download : 1857 के विद्रोह को भारतीय विद्रोह सिपाही विद्रोह या प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नाम से भी जाना जाता है 10 में 1857 से 8 जुलाई 1859 तक यह विद्रोह हुआ था 1857 ka vidroh के मुख्य केंद्र था आगरा दिल्ली भारत कानपुर लखनऊ अवध था । 1857 के विद्रोह भारत की सिपहिया किसान वर्ग सैनिक और मुगल के द्वारा विद्रोह किया गया था।

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1857 ka vidroh notes in hindi pdf

1857 ka vidroh notes in hindi pdf : 1857 ई के प्लासी के युद्ध के पश्चात भारत में अंग्रेज साम्राज्य की स्थापना हुई जिसके 100 वर्ष बाद 1857 ई तक ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य उद्देश्य साम्राज्य विस्तार करना अर्थात इस आर्थिक शोषण यानी की विजय विलय और शोषण का इतिहास भी कर सकते हैं डलहौजी का व्यापक गत का सिद्धांत राज्यों को हड़पने की नीति सहायक संधियों सैनिक वर्ग को समुद्र पार भेजना, चर्बी वाले कारतूस का उपयोग करना, भारतीयों के धर्म पर आघात करना भारत में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों जैसे की सती प्रथा विधवा विवाह बाल विवाह शिशु हत्या आदि पर प्रतिबंध लगाना साथ ही साथ हस्तक्षेप करना अर्थव्यवस्था के मामले में दखल देना सबसे बड़ा अभिशाप था आर्थिक शोषण करके ही अंग्रेज भारत का धन इंग्लैंड ले जाते थे ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनीतिक शक्ति का उपयोग से भारतीय हस्तशिल्प और व्यापार सूती वस्त्रो का सर्वनाश कर दिया नवीन कौर व्यवस्था लागू करना साथ ही धन के दोहन का कार्य चलता रहा अंग्रेजों ने धार्मिक मामले में भी हस्तक्षेप किया जिसमें ईसाई धर्म को सर्वोपरि माना और इसी प्रचार प्रचार हेतु अधिक से अधिक लोगों को इसी बनाया गया इन सभी कर्म के चलते असंतोष पैदा हो रहा था जिसके चलते 1857 ई आते-आते विद्रोह का शंखनाद हो गया।

लार्ड वेलेजली की सहायक संधि PDF | सहायक संधि की विशेषताएं

1857 के विद्रोह को भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है जो भारत में इंग्लैंड के ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ एक प्रकार का आंदोलन जो असफल रहा जिसे बाद में ब्रिटिश राज की ओर से एक संप्रभु शक्ति के रूप में कार्य किया था।

1857 का विद्रोह

1857 का विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीयों के द्वारा लड़ा गया युद्ध था।
यह विद्रोह भारतीय सिपाहियों के द्वारा किया गया था जो बाद में जनता की भागीदारी हासिल कर लिया गया यह विद्रोह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ था।
1857 के विद्रोह को कई नाम से जाना जाता है जिसे हम सिपाही विद्रोह भारतीय विद्रोह महान विद्रोह 1857 की विद्रोह भारतीय विद्रोह और स्वतंत्रता का पहला युद्ध के नाम से भी जानते हैं।

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1857 के विद्रोह के कारण

1857 के विद्रोह के कारण राजनीतिक कारण सामाजिक और धार्मिक कारण आर्थिक कारण सैन्य कारण और तात्कालिक कारण इत्यादि नाम से जाना जाता है।

1857 के विद्रोह के राजनीतिक कारण

  • 1857 के विद्रोह को राजनीतिक कारण के नाम से जाना जाता है क्योंकि अंग्रेज के विस्तारवादी नीति के द्वारा 1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण था जिसे अंग्रेजों के द्वारा विस्तारवादी नीति और व्यापारगत के सिद्धांत के नाम से भी जानते हैं।
  • अंग्रेजों द्वारा भारत के बड़ी संख्या में शासको और प्रमुखों को हटा दिया गया जिससे भारत में अन्य सट्टा रोड परिवारों के मन में ढेर सारे भाई पैदा होने लगे जिसके कारण भारतीयों के अंदर असंतोष पैदा होने लगे।
  • जिसमें से की रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र को सिंहासन पर नाम बैठने देने की अनुमति देना।
  • डलहौजी के द्वारा दिया गया व्यपगत सिद्धांत था कि किसी भी राजा के दस्तक पुत्र गोद लिया गया पुत्र या किसी शासन के निशान होने पर गोद लिया गया पुत्र का अधिकार नहीं हो सकता है अतः शासन के मृत्यु होने के पश्चात वह राज कंपनी के अधीन हो जाएगा।
  • 1857 के विद्रोह में लॉर्ड डलहौजी के द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन अवध राज को अधीन कर लिया गया जिसमें अभिजात वर्ग के हजारों लोग अधिकारी और सैनिक बेरोजगार हो गए जिसके चलते अवध में असंतोष पैदा होने लगे।

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डलहौजी के व्यपगत का सिद्धांत

डलहौजी के व्यपगत सिद्धांत का अर्थ है कि किसी भी शासन के संतान न होने पर उसका उत्तराधिकारी गोद लिया गया है तो शासन के मरने के पश्चात उसका अधिकार नहीं होगा आता उसे राज्य पर कंपनी का कब्जा हो जाएगा या ब्रिटिश राज्य स्थापित हो जाएगा।

1857 के विद्रोह का सामाजिक और धार्मिक कारण

1857 के विद्रोह का सामाजिक और धार्मिक कारण ढेर सारे हैं जो निर्माता बताया गया है।

  • भारत में कंपनी के शासन का विस्तार होना और साथ ही साथ अंग्रेजों के द्वारा भारतीयों पर अमानुषित व्यवहार करना।
  • भारत में पश्चिमी सभ्यता तेजी से फैल रहा था जिसकी आबादी का एक बड़ा वर्ग चिंतित था।
  • अंग्रेजों के रहन-सहन व्यवहार और उद्योग आविष्कार जिसका असर भारत के संस्कृत सभ्यताओं के मान्यताओं पर पड़ रहा था।
  • 1850 ईस्वी में एकाद अधिनियम पारित किया गया था जिसमें मनसा अनुक्रम के हिंदू कानून को बदल दिया गया।
    भारत में जो भी नागरिक ईसाई धर्म अपना लेता था उनका पदोन्नति कर दिया जाता था। जिससे भारतीय को लगा कि यह हमारे धर्म के साथ अन्य कर रहा है। साथ ही साथ जो ईसाई धर्म नहीं अपनाता था उनको सभी प्रकार से अपमानित किया जाता था। जिससे लगा कि अंग्रेज हमारे साथ ईसाई धर्म में परिवर्तन करना चाह रहा है।वैसे तो अंग्रेजों द्वारा ढेर सारे बढ़िया काम भी किया गया जैसे की सती प्रथा कन्या भ्रूण हत्या जैसी प्रथाओं को समाप्त करना और विधवा पुनर्विवाह को हटाना जो सामाजिक संरचना के लिए खतरा माना गया।
  • यह भी माना जाता है कि रेलवे और टेलीग्राफ की शुरुआत पर भी भारतीय जनता ने संदेह की दृष्टि से देखा गया।

1857 के विद्रोह का आर्थिक कारण

अंग्रेजों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किस जमींदार पर भारी भर काम लगन और वसूली के सख्त तौर तरीके

  • महाजनों से अधिक संख्या में लोग कर्ज लिए थे जिसको चुकाने में असमर्थ थे जिसके कारण किसानों के पुराने जमीन हद से जा रहे थे जिसके चलते जानते में असंतोष पैदा होने लगे।
  • वैसे तो बड़ी संख्या में किसान वर्ग के लोग हैं सिपाही थे जो अपने परिवार गांव को छोड़कर आए हुए थे जिसके कारण किसानों का गुस्सा जल्द ही सिपहिया के अंदर फैल गया इसके चलते 1857 का विद्रोह हुए।
  • भारत में कपड़ा उद्योग को बर्बाद करने का मुख्य कारण था इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटिश निर्मित वस्तुओं को भारत में घुसने देना।
  • जिसके कारण भारतीय हस्तकला उद्योग पूर्ण रूप से खत्म हो गया क्योंकि ब्रिटेन में मशीनों के द्वारा बनाए गए वस्तुओं के दाम बहुत कम थे और भारतीय हस्तकलाप के दम ज्यादा होने के कारण।

1857 के विद्रोह का सैन्य कारण

  • 1857 के विद्रोह एक सिपाही विद्रोह के रूप में शुरू हुआ था
  • सिपाही विद्रोह का मुख्य कारण था कि ब्रिटिश सैनिक भी जिस श्रेणी में काम कर रहे थे उसे श्रेणी में भारतीय सिपाही भी काम कर रहे थे लेकिन ब्रिटिश सैनिक को ज्यादा वेतन दिया जा रहा था वही उसी श्रेणी के भारतीय सिपाहियों को कम वेतन भुगतान किया जा रहा था जिसका मुख्य कारण था 1857 का विद्रोह होना।
  • लॉर्ड कैनिंग के द्वारा 1856 ईस्वी में एक नया फरमान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि जो भी व्यक्ति कंपनी के सेवा में भर्ती होगा उन्हें जरूरत पड़ने पर समुद्र के पर भी जाना है।

लॉर्ड कैनिंग के बारे में

  • लॉर्ड चार्ल्स जॉन कैनिंग 1857 की भारतीय विद्रोह के दौरान भारतीय राजनेता और गवर्नर जनरल थे जिसे 1858 में भारत का पहला वायसराय बनाया गया। लॉर्ड कैनिंग 1857 के विद्रोह को पूर्ण रूप से दबाने में सक्षम हुए थे जिनके कारण उन्हें भारत के पहले वायसराय बनाया गया। लोड कैनिंग के द्वारा भारतीय परिषद अधिनियम 1861 पारित करना। भारत में लॉर्ड कैनिंग के द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता का परिचय भी दिया।

1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण

1857 के विद्रोह का तात्कालिक कारण निम्नलिखित है जिनके जानकर आपको बहुत ही हैरान वाली बात समझ में आएगी क्योंकि 1857 का विद्रोह भारत के कुछ ही हिस्सों में हुए थे।

  • 1857 के विद्रोह मियां फैल गया था कि एनफील्ड रायफलों के कारतूस में गए और सूअर के चर्बी का उपयोग किया गया है जिसके चलते सिपाहियों में आक्रोश फैल गया क्योंकि सिपाहियों के द्वारा रायफलों को लोड करने के लिए अपने मुंह से खोलना पड़ता था क्योंकि उन सिपाहियों में हिंदू और मुस्लिम दोनों थे और वह दोनों गए और सूअर के चर्बियों का उपयोग किया गया कारतूसों का मुंह से खोलना पड़ता था जिसके कारण हिंदू और मुस्लिम दोनों सिपाहियों ने उपयोग करने से मना कर दिया।
  • लेकिन सिपाहियों के द्वारा किया गया इंकार से लॉर्ड कैनिंग के द्वारा इस गलती के लिए संशोधन किया गया कि इस कारतूस को वापस ले लिया जाए इसकी आवाज में दूसरे रूप में लिया गया कारतूस लाया जाए लेकिन इसके चलते तो कई जगह पर अशांति फैल चुके थे।
  • मंगल पांडे के द्वारा मार्च 1857 में नई राइफल का उपयोग करने से मना करना और वरिष्ठ अधिकारियों पर हमला करना। जिसके चलते मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 ई को फांसी दे दिया गया।
  • सैनिकों के बीच 9 में 1857 को 85 भारतीय सैनिक द्वारा एनफील्ड रायफलों का उपयोग करने से मन कर दिया आज और अंग्रेजों द्वारा मना करने वाले सैनिकों को 10 10 वर्ष की सजा सुना दिए जिसके चलते भारत में 1857 का विद्रोह हुआ था।

1857 का विद्रोह के केंद्र

1857 का विद्रोह का केंद्र कानपुर लखनऊ बरेली झांसी ग्वालियर बिहार के आरा जिला यह सारे केंद्र 1857 के विद्रोह का मुख्य केंद्र माना जाता था।

  • लखनऊ: लखनऊ अवध की राजधानी थी जिसके राजाओं को अंग्रेज द्वारा अंदर कर देने के आवाज में उनके बेगम हजरत महल द्वारा विद्रोह किया गया। बाद में ऐसे लखनऊ में बेगम हजरत महल द्वारा विद्रोह का नेतृत्व भी किया गया।
  • कानपुर: कानपुर में पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब के द्वारा यह विद्रोह का नेतृत्व किए थे। कानपुर में नाना साहब के द्वारा किए गए विद्रोह को सर कॉलिंग कैंप बेल के द्वारा दबाया गया।
  • झांसी : झांसी में झांसी की रानी द्वारा विद्रोह का नेतृत्व किया गया था और नाना साहब को सेनापति बनाया गया और तात्या टोपे के साथ मिलकर ग्वालियर तक विद्रोह किया गया जिसके बाद अंग्रेजों सेनन द्वारा कब्जा कर लिया गया। झांसी में जनरल हीरोज द्वारा विद्रोह को दबाया गया
  • बिहार : बिहार में विद्रोह का नेतृत्व वीर कुंवर सिंह और उनके भाई के द्वारा जगदीशपुर से शुरू हुआ था। बाद में विलियम टेलर द्वारा विद्रोह को दबा दिया गया।

1857 का विद्रोह की असफलताओं का कारण

  • 1857 का विद्रोह किया असफलताओं के कारण था कि देश में व्यापक विद्रोह तो हो चुका था लेकिन उनका बागडोर कोई से मारने वाला नहीं था जिनके कारण इस विद्रोह में असफलता हाथ लगे तो इन्हीं को हम विस्तार रूप से जानने की कोशिश करते हैं।
  • 1857 के विद्रोह तो वैसे तो काफी व्यापक था लेकिन 1857 ka vidroh देश के बड़े हिस्सों में से कुछ ही हिस्सों में विद्रोह हुआ था जैसे की सिंह राजपूताना कश्मीर पंजाब के अधिकांश भाग आवाज झांसी कानपुर इत्यादि जगहों पर तो विद्रोह हुआ लेकिन कुछ बड़ी रियासत जैसे हैदराबाद मैसूर त्रवंकोर और कश्मीर के राजपूताना के लोग 1857 के विद्रोह में शामिल नहीं हुए थे और साथ ही साथ दक्षिण प्रांत में जितने भी राजा महाराजा थे वह 1857 के विद्रोह में भाग नहीं लिए जिनके कारण 1857 के विद्रोह को असफलता मिली जिसे बाद में 1857 के विद्रोह को सफलता के विद्रोह के नाम से भी जानते हैं।
  • भारत के मध्यम वर्ग की भागीदारी न होना जो 1857 के विद्रोह का सफलता का मुख्य कारण थे जिनमें अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त वर्ग मध्यम वर्ग बंगाल के अमीर व्यापारी और जमींदारों ने 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों की मदद किए थे जिनके कारण 1857 ka vidroh को असफलता हाथ लगी यह सभी 1857 ka vidroh का मुख्य असफलताओं के कारण।

1857 के विद्रोह का परिणाम

  • 1857 के विद्रोह का मुख्य परिणाम था कि भारत में ब्रिटिश कंपनियों का शासन का अंत होना साथ ही साथ ब्रिटिश राज्य का प्रत्यक्ष शासन होना।
  • भारत के इतिहासकार द्वारा 1857 के विद्रोह को महान विद्रोह के रूप में प्रदर्शित किए हैं जिनका मुख्य कारण था कि भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत होना।
  • भारत में ब्रिटिश राज्य द्वारा शासन की जिम्मेदारी सीधी अपने हाथ में लेने की घोषणा करना साथ ही साथ भारत में विभिन्न राज्यों में वायसराय घोषित करना। ब्रिटेन के महारानी विक्टोरिया ने भारतीय प्रशासन को अपने हाथ में ले लिया जिसका प्रभाव ब्रिटिश संसद पर भी पड़ा।
  • अंग्रेज द्वारा भारत के लोगों के ऊपर धर्म और सामाजिक रीति रिवाज और परंपराओं का सम्मान किया जाएगा।
  • भारत में भारतीय शासको का अधिकार का मान्यता दिया गया साथ ही साथ भारतीय रियासतों के दस्तक पुत्रों को सपना की छूट किया गया और व्यापक सिद्धांत को समाप्त कर दिया गया।

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